हर साल लाखों छात्र NEET UG परीक्षा में बैठते हैं ताकि उन्हें MBBS, BDS या अन्य मेडिकल कोर्स में एडमिशन मिल सके। 2025 में भी नीट परीक्षा में करीब 21 लाख से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया। इस बार परीक्षा का स्तर काफी कठिन रहा, जिससे कट ऑफ में भी गिरावट देखने को मिली।
अगर आप जानना चाहते हैं कि 2025 में नीट का कट ऑफ क्या रहा, कितने नंबर लाने पर सिलेक्शन पक्का है, और किस कैटेगरी के लिए कितने नंबर जरूरी हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। नीट कट ऑफ हर साल बदलता है, क्योंकि यह परीक्षा की कठिनाई, छात्रों की संख्या, और उपलब्ध सीटों पर निर्भर करता है। इस साल का कट ऑफ पिछले सालों के मुकाबले कम है, जिससे ज्यादा छात्रों को क्वालिफाई करने का मौका मिला है।
अगर आपके नंबर कट ऑफ से ज्यादा हैं, तो आप काउंसलिंग में भाग ले सकते हैं और सरकारी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पा सकते हैं।
NEET UG Cut Off 2025: Full Details
NEET UG 2025 का रिजल्ट 14 जून 2025 को जारी किया गया। इस साल सभी कैटेगरी में कट ऑफ मार्क्स में गिरावट आई है। जनरल और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लिए कट ऑफ 686 से 144 के बीच है, जबकि ओबीसी, एससी और एसटी के लिए 143 से 113 के बीच है। PwBD के लिए कट ऑफ थोड़ी और कम है।
नीचे टेबल में आप NEET 2025 का पूरा ओवरव्यू देख सकते हैं:
बिंदु | विवरण |
---|---|
परीक्षा का नाम | NEET UG 2025 |
परीक्षा तिथि | 4 मई 2025 |
रिजल्ट जारी | 14 जून 2025 |
कुल उपस्थित छात्र | लगभग 21 लाख |
जनरल/EWS कट ऑफ | 686 – 144 अंक (50वां परसेंटाइल) |
ओबीसी/SC/ST कट ऑफ | 143 – 113 अंक (40वां परसेंटाइल) |
PwBD कट ऑफ | 143 – 127 (जनरल), 126 – 113 (OBC/SC/ST) |
काउंसलिंग शुरू | जुलाई 2025 के चौथे सप्ताह (संभावित) |
अधिकतम अंक | 720 |
परीक्षा मोड | ऑफलाइन (पेन-पेपर) |
नीट 2025 कट ऑफ: कैटेगरी वाइज
श्रेणी (Category) | न्यूनतम परसेंटाइल | कट ऑफ अंक (2025) |
---|---|---|
सामान्य / EWS | 50वां | 686 – 144 |
ओबीसी | 40वां | 143 – 113 |
एससी | 40वां | 143 – 113 |
एसटी | 40वां | 143 – 113 |
UR/EWS – PwBD | 45वां | 143 – 127 |
ओबीसी/SC/ST – PwBD | 40वां | 126 – 113 |
नीट कट ऑफ क्यों घटा?
- परीक्षा का कठिनाई स्तर: 2025 में नीट का पेपर काफी कठिन था, जिससे कम छात्रों को ज्यादा मार्क्स मिले।
- अधिक छात्रों की भागीदारी: हर साल छात्रों की संख्या बढ़ रही है, जिससे कट ऑफ में बदलाव आता है।
- सीटों की संख्या: MBBS और BDS सीटों की उपलब्धता भी कट ऑफ को प्रभावित करती है।
नीट कट ऑफ कैसे तय होता है?
- पर्सेंटाइल सिस्टम: NEET में कट ऑफ पर्सेंटाइल के आधार पर तय होता है। जनरल कैटेगरी के लिए 50वां पर्सेंटाइल, ओबीसी/SC/ST के लिए 40वां पर्सेंटाइल और PwBD के लिए 45वां या 40वां पर्सेंटाइल रखा गया है।
- कुल अंक: NEET का पेपर 720 अंकों का होता है। कट ऑफ उसी के हिसाब से तय होता है।
नीट में इतने नंबर हैं तो सिलेक्शन पक्का?
- जनरल/EWS: 144 अंक या उससे ज्यादा
- ओबीसी/SC/ST: 113 अंक या उससे ज्यादा
- PwBD: 113 या 127 अंक (कैटेगरी के अनुसार)
लेकिन सरकारी MBBS कॉलेज में एडमिशन के लिए सिर्फ क्वालिफाइंग मार्क्स काफी नहीं हैं। वहां सीटें सीमित होती हैं और मेरिट के आधार पर एडमिशन मिलता है। आमतौर पर सरकारी कॉलेज में MBBS के लिए जनरल कैटेगरी में 580 से 620+ अंक लाने की जरूरत होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेज या डेंटल कोर्स के लिए कम अंक में भी मौका मिल सकता है।
नीट कट ऑफ 2025: पिछले वर्षों की तुलना
वर्ष | जनरल कट ऑफ (अंक) | ओबीसी/SC/ST कट ऑफ (अंक) |
---|---|---|
2025 | 686 – 144 | 143 – 113 |
2024 | 720 – 162 | 161 – 127 |
2023 | 720 – 137 | 136 – 107 |
2022 | 715 – 117 | 116 – 93 |
नीट कट ऑफ पर असर डालने वाले मुख्य कारण
- परीक्षा का कठिनाई स्तर
- कुल उपस्थित छात्रों की संख्या
- उपलब्ध सीटों की संख्या
- रिजर्वेशन पॉलिसी
नीट क्वालिफाई करने के बाद क्या करें?
- काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करें (AIQ और स्टेट दोनों)
- डॉक्युमेंट्स तैयार रखें
- कॉलेज और कोर्स की प्रायोरिटी चुनें
आगे के करियर ऑप्शन
अगर MBBS में सीट नहीं मिलती, तो BDS, BAMS, BHMS, BUMS, बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल कोर्स आदि में भी दाखिला लिया जा सकता है।
महत्वपूर्ण बातें (बुलेट लिस्ट)
- नीट कट ऑफ हर साल बदलता है।
- सरकारी कॉलेज में MBBS के लिए ज्यादा अंक चाहिए।
- कट ऑफ के बाद काउंसलिंग जरूरी है।
- सीट अलॉटमेंट मेरिट और प्रायोरिटी के आधार पर होता है।
- कम अंक वालों के लिए भी कई मेडिकल कोर्स के विकल्प हैं।
Disclaimer: यह जानकारी सरकारी और विश्वसनीय शैक्षिक पोर्टल्स पर जारी NEET 2025 कट ऑफ के आधार पर दी गई है। NEET कट ऑफ हर साल बदलता है और सरकारी कॉलेज में सीट मिलने के लिए सिर्फ क्वालिफाई करना काफी नहीं है, बल्कि मेरिट में ऊपर रहना जरूरी है। यह कोई योजना या स्कीम नहीं है, बल्कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया है। अतः किसी भी अफवाह या गलत जानकारी से बचें और आधिकारिक वेबसाइट पर ही विश्वास करें।