Indian Currency: 20-100 के नोट में छुपा राज – RBI ने बताई 2 बड़ी वजह

Published On:
Indian Currency Update
---Advertisement---

भारत में जब भी आप 10, 20, 50, 100 या 500 रुपये का नोट हाथ में लेते हैं, तो उस पर छपी महात्मा गांधी की तस्वीर सबसे पहले नजर आती है। यह दृश्य हर भारतीय के लिए आम है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सिर्फ गांधीजी की ही तस्वीर क्यों छपती है? भारत में कई महान नेता, कवि, वैज्ञानिक और स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं, फिर भी हर नोट पर सिर्फ गांधीजी ही क्यों?

इस सवाल का जवाब जानना हर भारतीय के लिए दिलचस्प है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है और बताया है कि आखिर क्यों नोटों पर सिर्फ गांधीजी की ही तस्वीर छपती है। RBI के मुताबिक, इस फैसले के पीछे कई ऐतिहासिक, सामाजिक और तकनीकी कारण हैं, जिनका संबंध भारत की पहचान, नोट की सुरक्षा और वैश्विक मान्यता से है।

RBI Indian Currency Update:

RBI ने हाल ही में बताया कि भारतीय नोटों पर किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर लगाने के लिए रवींद्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा, अबुल कलाम आजाद जैसे कई नामों पर गंभीरता से विचार किया गया था। लेकिन अंततः सर्वसम्मति महात्मा गांधी के नाम पर बनी। गांधीजी की तस्वीर को उनकी वैश्विक पहचान और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के कारण सबसे उपयुक्त माना गया।

RBI का कहना है कि अगर नोट पर किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर हो, तो उसे पहचानना आसान होता है। गांधीजी की छवि देश-विदेश में इतनी व्यापक रूप से स्वीकार्य है कि यह भारतीय मुद्रा की पहचान को सरल और सार्वभौमिक बनाती है। साथ ही, नोट की सुरक्षा के लिहाज से भी यह तस्वीर मददगार है, क्योंकि नकली नोट की पहचान में यह एक अहम भूमिका निभाती है।

बिंदुजानकारी
किसकी तस्वीर हैमहात्मा गांधी
पहली बार कब छपी1969 में 100 रुपये के स्मारक नोट पर
नियमित नोटों पर कब1987 में 500 रुपये के नोट पर
किस सीरीज में1996 से महात्मा गांधी सीरीज, 2016 से महात्मा गांधी न्यू सीरीज
अन्य नामों पर विचाररवींद्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा, अबुल कलाम आजाद आदि
क्यों चुना गयावैश्विक पहचान, स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, नोट की सुरक्षा
किसने निर्णय लियाRBI और भारत सरकार की सहमति से
नोटों पर क्या-क्यागांधीजी की तस्वीर, सुरक्षा धागा, वाटरमार्क, माइक्रोलेटरिंग आदि

भारतीय नोटों पर गांधीजी की तस्वीर का इतिहास

  • 1947 से पहले: नोटों पर ब्रिटेन के महाराजा की तस्वीर छपती थी।
  • 1949: आजादी के बाद पहली बार 1 रुपये का नया नोट जारी हुआ, जिसमें अशोक स्तंभ की तस्वीर थी।
  • 1969: गांधीजी की 100वीं जयंती के मौके पर पहली बार 100 रुपये के स्मारक नोट पर गांधीजी की तस्वीर छपी।
  • 1987: पहली बार 500 रुपये के नोट पर गांधीजी की तस्वीर छपी।
  • 1996: महात्मा गांधी सीरीज के नोट जारी हुए, जिसमें 10, 20, 50, 100, 500 और 1000 रुपये के नोट शामिल थे।
  • 2016: महात्मा गांधी न्यू सीरीज की शुरुआत हुई, जिसमें नए डिजाइन और सुरक्षा फीचर्स के साथ नोट जारी हुए।

नोटों के डिजाइन और सुरक्षा में गांधीजी की तस्वीर का महत्व

  • पहचान में आसानी: गांधीजी की छवि हर भारतीय और विदेशी के लिए तुरंत पहचानने योग्य है।
  • नकली नोट की पहचान: प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर से नकली और असली नोट में फर्क करना आसान होता है।
  • सांस्कृतिक एकता: गांधीजी की तस्वीर भारत की विविधता में एकता और स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है।
  • वैश्विक मान्यता: गांधीजी की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित और पहचानी जाती है।

क्या भविष्य में किसी और की तस्वीर आ सकती है?

RBI ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल नोटों से गांधीजी की तस्वीर हटाने या किसी और की तस्वीर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि, ऐतिहासिक रूप से कई नामों पर विचार जरूर हुआ था, लेकिन सर्वसम्मति गांधीजी के नाम पर ही बनी थी।

नोटों पर गांधीजी की तस्वीर से जुड़े रोचक तथ्य

  • 1969 में पहली बार गांधीजी की तस्वीर छपी थी, लेकिन नियमित नोटों पर 1987 से ही उनकी तस्वीर आनी शुरू हुई।
  • 1996 में ‘महात्मा गांधी सीरीज’ की शुरुआत हुई, जिसमें सभी प्रमुख नोटों पर गांधीजी की तस्वीर अनिवार्य हो गई।
  • 2016 में ‘महात्मा गांधी न्यू सीरीज’ आई, जिसमें डिजाइन और सुरक्षा फीचर्स को और बेहतर किया गया।
  • नोटों के पिछले हिस्से पर भारत की सांस्कृतिक धरोहर जैसे कोणार्क सूर्य मंदिर, रानी की वाव, एलोरा की गुफाएं आदि भी छपती हैं।

नोटों पर गांधीजी की तस्वीर क्यों जरूरी?

  • राष्ट्रीय एकता का प्रतीक: गांधीजी पूरे देश के लिए एकता और शांति के प्रतीक माने जाते हैं।
  • आसान पहचान: उनकी छवि हर उम्र और वर्ग के लोगों के लिए पहचानने में सरल है।
  • सुरक्षा: नोटों की सुरक्षा के लिहाज से भी यह तस्वीर अहम है, क्योंकि यह नकली नोटों की पहचान में मदद करती है।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान: गांधीजी की छवि भारत की पहचान को मजबूत बनाती है।

निष्कर्ष

भारतीय नोटों पर सिर्फ महात्मा गांधी की तस्वीर छपने के पीछे कई ऐतिहासिक, सामाजिक और तकनीकी कारण हैं। RBI और सरकार ने विचार-विमर्श के बाद उनकी तस्वीर को चुना, क्योंकि वे भारत की पहचान, स्वतंत्रता संग्राम और वैश्विक मान्यता के सबसे बड़े प्रतीक हैं। उनकी छवि नोट की सुरक्षा, पहचान और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत बनाती है।

Disclaimer: यह जानकारी पूरी तरह से RBI और सरकारी दस्तावेजों पर आधारित है। नोटों पर गांधीजी की तस्वीर हटाने या किसी और की तस्वीर छापने की कोई योजना नहीं है। सोशल मीडिया या अन्य जगहों पर इस संबंध में फैल रही अफवाहें पूरी तरह से गलत हैं। नोटों पर गांधीजी की तस्वीर छपने का निर्णय ऐतिहासिक और सर्वसम्मति से लिया गया है, और यह प्रक्रिया पूरी तरह वास्तविक और प्रमाणिक है।

Leave a Comment

Join Whatsapp