सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे पूरे देश की लाखों आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स को राहत मिली है। लंबे समय से अपनी सैलरी और सुविधाओं में सुधार की मांग कर रहीं इन महिला वर्कर्स के लिए यह खुशखबरी किसी तोहफे से कम नहीं है। नई कैबिनेट मीटिंग के बाद उनके वेतनमान में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। खुद प्रधानमंत्री ने भी इसकी पुष्टि की है कि अब इन वर्कर्स की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें सामाजिक सम्मान भी मिलेगा।
आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स भारत की स्वास्थ्य और समाज सेवा का अहम हिस्सा हैं। ये महिलाएँ बच्चों, महिलाओं और पूरे परिवार के बेहतर स्वास्थ्य, पोषण और देखभाल के लिए दिन-रात काम करती हैं, लेकिन लंबे समय से इन्हें बहुत ही कम वेतन मिलता था। उनके वेतन में अब 10% से 15% तक की बढ़ोतरी हो गई है। इससे परिवार चलाने में मदद मिलेगी और नया आत्मविश्वास भी आएगा.
इस बदलाव के बाद आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी वर्कर्स दोनों को हर महीने पहले से ज्यादा वेतन मिलेगा। साथ ही कुछ राज्यों में ये फैसले 15 अप्रैल 2025 या 15 मई 2025 से लागू हो गए हैं। देशभर में करीब 25 लाख से ज्यादा महिलाओं को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स के लिए कौन सी योजना
आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स के लिए यह राहत सरकार की नई वेतनमान योजना के तहत दी गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन वर्कर्स को सरकारी कर्मचारियों की तरह सम्मान और सुविधाएं देना है। योजना के अंतर्गत वेतन बढ़ाते हुए राज्यकर्मी का दर्जा देने की भी बात की जा रही है, जिससे आने वाले समय में पेंशन, बीमा और मेडिकल सुविधा जैसी राहतें भी शामिल हो जाएंगी.
इस बार सरकार ने वेतनमान में सीधे-सीधे बढ़ोतरी करते हुए आशा वर्कर्स का वेतन 3500 से 5000 रुपये तक और आंगनवाड़ी वर्कर्स का वेतन 4000 से 6000 रुपये तक कर दिया है। कुछ राज्यों में यह आंकड़ा और अधिक हो सकता है, क्योंकि कुछ जगहों पर 15 से 20% तक की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, मिनी आंगनवाड़ी वर्कर्स के लिए भी वेतन में बढ़ोतरी के प्रावधान रखे गए हैं।
न केवल वेतन, बल्कि बीमा, पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा सुविधाएँ भी इस योजना में जोड़ी जा रही हैं। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसी सरकारी बीमा और सुरक्षा योजनाओं में आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स को शामिल किया गया है। इससे उनके परिवार को भविष्य में भी सुरक्षा मिलेगी। इसके साथ ही, जिन वर्कर्स की परफॉर्मेंस अच्छी होगी, उन्हें हर महीने अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिल सकता है.
सरकार की तरफ से जारी इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब हर क्षेत्र की महिला वर्कर अपने अधिकार और सम्मान के साथ काम कर सकेगी। वेतन पाकर वे अपनी जरूरतें आसानी से पूरी कर पाएंगी और उनके परिवार की जिंदगी भी बेहतर हो सकेगी।
मुख्य लाभ और प्रक्रिया
इस योजना के लागू होने के बाद लाखों महिलाओं को अच्छा वेतन मिलेगा। हर महीने इनको सीधा फायदा पहुंचेगा और वे जीवन में आगे बढ़ पाएंगी। अगर कभी गंभीर बीमारी या दुर्घटना हो तो बीमा योजना से मदद मिल जाएगी।
- कई राज्यों ने घोषित किया है कि अब अलग-अलग दर्जे के वर्कर्स को तय वेतन मिलेगा।
- आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत इन वर्कर्स और उनके परिवारों को मुफ्त इलाज या स्वास्थ्य बीमा भी मिल सकता है.
- आने वाले समय में वेतन के साथ–साथ अन्य सरकारी कर्मचारी जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
अगर आप भी आंगनवाड़ी या आशा वर्कर बनने के लिए आवेदन करना चाहती हैं, तो अपने नजदीकी सरकारी कार्यालय या जिला स्वास्थ्य केंद्र से जानकारी ले सकती हैं। सामान्य तौर पर 10वीं पास महिलाएं, जो समाज सेवा करना चाहती हैं, आवेदन कर सकती हैं। आवेदन प्रक्रिया राज्यों के अनुसार अलग हो सकती है, इसलिए संबंधित विभाग में जाकर ऑफिसियल फॉर्म भरना और मांगी गई जानकारियाँ जमा कराना जरूरी है।
सरकार की सोच और समाज में असर
आशा और आंगनवाड़ी वर्कर्स देश के हर गांव, कस्बे, शहर में स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं की रीढ़ हैं। इन महिलाओं के बिना ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में बच्चों और लड़कियों की देखभाल संभव नहीं होती। सरकार के इस फैसले से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और भागीदारी भी बढ़ेगी.
यह पहल सिर्फ वेतन बढ़ोतरी तक सीमित नहीं है, बल्कि इनका मकसद है महिला वर्कर्स को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना। सरकार ने साफ किया है कि जैसे-जैसे बजट और संसाधनों की व्यवस्था होगी, वैसे-वैसे इन वर्कर्स के लिए ओर भी राहत एवं योजनाएं शुरू की जाएंगी.