Gratuity Rules Change: 5 साल में ₹86,538 और 10 साल में ₹1,73,077 – पूरा फॉर्मूला देखें

Published On:
Gratuity Rules Change
---Advertisement---

हर कर्मचारी के लिए नौकरी में लंबे समय तक टिके रहना न सिर्फ अनुभव बढ़ाता है, बल्कि भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा भी देता है। इसी आर्थिक सुरक्षा का एक बड़ा हिस्सा है ग्रेच्युटी। ग्रेच्युटी एक ऐसी राशि है जो कंपनी अपने कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले में देती है। यह पैसा तब मिलता है जब कर्मचारी कंपनी छोड़ता है या रिटायर होता है।

हाल ही में ग्रेच्युटी नियमों में बदलाव की खबरें चर्चा में हैं, जिसमें 5 और 10 साल की नौकरी पर मिलने वाली ग्रेच्युटी की पूरी कैलकुलेशन जानना जरूरी है। कई कर्मचारी यह नहीं जानते कि ग्रेच्युटी कैसे मिलती है, कितनी मिलती है और इसके लिए कौन-कौन से नियम लागू होते हैं।

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि 5 साल या 10 साल की नौकरी के बाद आपको कितनी ग्रेच्युटी मिल सकती है, तो यह लेख आपके लिए है। यहां हम सरल भाषा में ग्रेच्युटी के नए नियम, कैलकुलेशन का तरीका, पात्रता, जरूरी शर्तें और उदाहरण सहित पूरी जानकारी देंगे।

What is Gratuity?

ग्रेच्युटी एक प्रकार का इनाम है जो कंपनी अपने कर्मचारी को उसकी वफादार और लंबी सेवा के लिए देती है। यह पैसा नौकरी छोड़ने, रिटायरमेंट, मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में मिलता है।

ग्रेच्युटी का मकसद कर्मचारी को आर्थिक रूप से सुरक्षित करना और उसकी सेवा का सम्मान करना है। यह राशि एकमुश्त (लंपसम) दी जाती है और यह कर्मचारी की अंतिम सैलरी व सेवा के वर्षों पर निर्भर करती है।

योजना का नामग्रेच्युटी नियम 2025 (Gratuity Rules 2025)
लागू होने की तारीख2025
पात्रताकम से कम 5 साल की निरंतर सेवा
न्यूनतम सेवा अवधि5 साल (कुछ मामलों में 1 साल)*
कैलकुलेशन फॉर्मूलाअंतिम सैलरी × (15/26) × सेवा के वर्ष
अधिकतम ग्रेच्युटी सीमा₹20 लाख (सरकारी प्रस्ताव: ₹25 लाख)
कब मिलती हैनौकरी छोड़ने, रिटायरमेंट, मृत्यु, विकलांगता
किसे नहीं मिलती5 साल से कम सेवा/अनुशासनहीनता
टैक्स छूट₹20 लाख तक टैक्स फ्री
फिक्स्ड टर्म कर्मचारी1 साल सेवा पर भी पात्र (नया नियम)

*नोट: फिक्स्ड टर्म कर्मचारी के लिए नियम अलग हैं।

ग्रेच्युटी के लिए पात्रता

  • कर्मचारी को कम से कम 5 साल की निरंतर सेवा पूरी करनी होती है।
  • अगर कर्मचारी की मृत्यु या स्थायी विकलांगता हो जाती है, तो 5 साल की शर्त जरूरी नहीं है।
  • फिक्स्ड टर्म कर्मचारी के लिए अब सिर्फ 1 साल की सेवा पर भी ग्रेच्युटी मिल सकती है।
  • ग्रेच्युटी नौकरी छोड़ने, रिटायरमेंट, कंपनी बंद होने या मृत्यु/विकलांगता की स्थिति में मिलती है।

ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन कैसे होती है?

ग्रेच्युटी की गणना का फॉर्मूला:ग्रेच्युटी=अंतिम सैलरी×1526×सेवा के वर्ष\text{ग्रेच्युटी} = \text{अंतिम सैलरी} \times \frac{15}{26} \times \text{सेवा के वर्ष}ग्रेच्युटी=अंतिम सैलरी×2615×सेवा के वर्ष

  • अंतिम सैलरी में बेसिक पे + डियरनेस अलाउंस (DA) शामिल होता है।
  • 15/26 का अर्थ है – हर साल के लिए 15 दिन की सैलरी, 26 कार्य दिवसों के आधार पर।
  • सेवा के वर्ष पूरे साल के हिसाब से गिने जाते हैं। अगर 6 महीने से ज्यादा हैं तो अगले साल में राउंड ऑफ किया जाता है।

उदाहरण 1: 5 साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी

मान लीजिए, किसी कर्मचारी की अंतिम सैलरी ₹35,000 है और उसने 5 साल की सेवा पूरी की है।ग्रेच्युटी=35,000×5×1526=₹1,00,961\text{ग्रेच्युटी} = 35,000 \times 5 \times \frac{15}{26} = ₹1,00,961ग्रेच्युटी=35,000×5×2615=₹1,00,961

उदाहरण 2: 10 साल की नौकरी पर ग्रेच्युटी

अगर किसी कर्मचारी की अंतिम सैलरी ₹75,000 है और उसने 10 साल की सेवा की है:ग्रेच्युटी=75,000×10×1526=₹4,32,692\text{ग्रेच्युटी} = 75,000 \times 10 \times \frac{15}{26} = ₹4,32,692ग्रेच्युटी=75,000×10×2615=₹4,32,692

ग्रेच्युटी से जुड़ी जरूरी बातें

  • ग्रेच्युटी सिर्फ एक ही कंपनी में लगातार सेवा पर मिलती है।
  • नौकरी के दौरान ग्रेच्युटी नहीं मिलती, बल्कि छोड़ने या रिटायरमेंट के समय मिलती है।
  • 5 साल से कम सेवा पर आमतौर पर ग्रेच्युटी नहीं मिलती, सिवाय मृत्यु या विकलांगता के मामले में।
  • अधिकतम टैक्स फ्री ग्रेच्युटी लिमिट ₹20 लाख है, जिसे बढ़ाकर ₹25 लाख करने का प्रस्ताव है।
  • ग्रेच्युटी पाने के लिए फॉर्म ‘F’ भरना जरूरी है।
  • कंपनी के 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी होने चाहिए, तभी ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है।

ग्रेच्युटी नियमों में बदलाव

  • फिक्स्ड टर्म कर्मचारी अब सिर्फ 1 साल की सेवा पर भी ग्रेच्युटी के हकदार हैं।
  • टैक्स फ्री लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव है।
  • ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला वही है, लेकिन पात्रता में लचीलापन बढ़ा है।
  • कंपनी की पॉलिसी के अनुसार, कुछ मामलों में ग्रेच्युटी की राशि अलग हो सकती है।
  • ग्रेच्युटी के लिए सेवा की अवधि में छुट्टियां, स्ट्राइक, लीव आदि को भी शामिल किया जाता है।

ग्रेच्युटी के लाभ

  • आर्थिक सुरक्षा: नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि।
  • लंबी सेवा का सम्मान: कर्मचारी की वफादारी का इनाम।
  • टैक्स छूट: ₹20 लाख तक टैक्स फ्री।
  • परिवार को लाभ: मृत्यु की स्थिति में परिवार को ग्रेच्युटी मिलती है।

ग्रेच्युटी से जुड़े सामान्य सवाल (FAQs)

  • 5 साल से कम नौकरी पर ग्रेच्युटी मिलती है क्या?
    • नहीं, सिर्फ मृत्यु या विकलांगता में छूट है।
  • ग्रेच्युटी की राशि कब मिलती है?
    • नौकरी छोड़ने, रिटायरमेंट या मृत्यु/विकलांगता पर।
  • क्या सभी कंपनियों में ग्रेच्युटी मिलती है?
    • सिर्फ उन्हीं कंपनियों में जहां 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी हों।
  • ग्रेच्युटी के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट जरूरी हैं?
    • फॉर्म F, सेवा प्रमाण पत्र, अंतिम सैलरी स्लिप आदि।

निष्कर्ष

ग्रेच्युटी हर कर्मचारी के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ है, जो भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करता है। 5 और 10 साल की नौकरी के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन जानना जरूरी है, ताकि आप अपने अधिकार और लाभ का पूरा फायदा उठा सकें। नए नियमों के अनुसार, पात्रता और कैलकुलेशन में कुछ बदलाव जरूर हुए हैं, लेकिन फॉर्मूला और प्रक्रिया लगभग पहले जैसी ही है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के लिए है। ग्रेच्युटी नियमों में बदलाव की खबरें आई हैं, लेकिन हर कंपनी की पॉलिसी और सरकारी अधिसूचनाओं के अनुसार ही अंतिम नियम लागू होते हैं। कर्मचारी को सलाह दी जाती है कि वे अपनी कंपनी की HR टीम या सरकारी पोर्टल से पुष्टि जरूर करें। ग्रेच्युटी के नियम वास्तविक हैं, लेकिन किसी भी अफवाह या फर्जी स्कीम से बचें।

Leave a Comment

Join Whatsapp