रेलवे का बड़ा फैसला! अब वेटिंग टिकट पर यात्रा के नियम बदल गए Indian Railway New Rules 2025

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IRCTC Waiting Ticket Travel Rule Update

भारतीय रेलवे ने 2025 में टिकट बुकिंग और यात्रा करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब ट्रेनों की यात्रा पहले से ज्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और आसान बनाने के लिए कई नियम लागू किए गए हैं। यात्रियों की बढ़ती संख्या और ट्रेन के डिब्बों में भीड़ को रोकने के लिए ये नियम बनाये गये हैं।

पहले बहुत लोग वेटिंग टिकट पर भी आरक्षित (रेजरव्ड) सीटों पर सफर करते थे, जिससे अन्य यात्रियों को परेशानी होती थी। रेलवे को बार-बार इस बात की शिकायत मिल रही थी कि वेटिंग टिकट वाले बिना कन्फर्म टिकट के रिजर्व्ड कोच में बैठ जाते हैं। इससे ट्रेन में कहीं-कहीं बहुत भीड़ हो जाती थी और सुरक्षा में भी दिक्कत आती थी। अब आयआरसीटीसी और रेलवे ने इन सबको ध्यान में रखते हुए नए नियम लागू किए हैं।

अब जब भी कोई यात्री ट्रेन में सफर करने के लिए टिकट बुक करता है, तो उसे सबसे पहले अपनी टिकट की स्थिति चेक करनी होगी। वेटिंग लिस्ट में अगर आपकी टिकट कन्फर्म नहीं होती, तो आप Sleeper या AC कोच में सफर नहीं कर पाएंगे। ये नियम 1 मई 2025 से पूरे देश में लागू हो चुका है।

Indian Railway Waiting Ticket New Rules 2025

रेलवे के नये नियम के अनुसार, अब वेटिंग टिकट लेकर Sleeper या AC कोच में चढ़ना पूरी तरह मना है। चाहे आपने टिकट ऑनलाइन (IRCTC) से बुक किया हो या रेलवे काउंटर से, अगर आपकी टिकट वेटिंग लिस्ट में ही रह जाती है तो आपको जनरल (Unreserved) कोच में ही यात्रा करनी होगी। अगर आप फिर भी इन रिजर्व्ड कोचों में बैठ जाते हैं तो टिकट चेकिंग के दौरान पकड़े जाने पर आप पर जुर्माना लगाया जाएगा। Sleeper क्लास में पकड़े जाने पर ₹250 और AC क्लास में ₹440 तक जुर्माना देना पड़ सकता है, और आपको अगले स्टेशन पर उतार भी दिया जा सकता है।

ट्रेन के टिकट चेकर्स (TTE) को इस बार बहुत कड़े निर्देश मिले हैं कि वे रेलवे के नए नियमों का सख्ती से पालन कराएं। इस नियम का उद्देश्य है कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा देना और ट्रेन के डिब्बों में अनावश्यक भीड़ को कम करना।

कौन-से बदलाव किये गए हैं?

मई 2025 से लागू हुए नए नियमों के अनुसार:

  • वेटिंग टिकट वाले अब सिर्फ जनरल कोच में सफर कर सकते हैं।
  • Sleeper और AC कोच में सफर करने के लिए टिकट का कन्फर्म होना जरूरी है।
  • Advance Reservation Period (ARP) को 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया गया है, यानी अब सिर्फ दो महीने पहले तक ही टिकट बुक की जा सकेगी।
  • ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए अब सिर्फ OTP वेरीफिकेशन के बाद ही बुकिंग संभव है, इससे टिकटिंग सिस्टम सुरक्षित हो गया है।
  • अगर वेटिंग टिकट बुकिंग के समय कन्फर्म नहीं होती है और चार्ट बनने के बाद भी वेटिंग ही रहती है, तो आपकी टिकट अपने आप कैंसिल मानी जाएगी और आपको उसकी राशि रिफंड मिल सकती है।

Tatkal टिकट बुकिंग में भी बदलाव किए गए हैं। अब 1 जुलाई 2025 से सभी Tatkal टिकट के लिए आधार ऑथेंटिकेशन और फिर OTP वेरीफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। इससे नकली टिकटिंग और एजेंट्स के द्वारा बुकिंग पर रोक लगेगी।

इस योजना और नियम का असली मकसद

योजना के पीछे सबसे बड़ा मकसद है रेलयात्रियों को एक बेहतर और सुरक्षित अनुभव देना। पहले कई यात्री वेटिंग टिकट पर सफर करते थे जिससे ट्रेन के डिब्बों में बेवजह भीड़ हो जाती थी। इसी वजह से कई बार सुरक्षा में भी खतरा होता था और कन्फर्म टिकट वालों को रिजर्व सीट नहीं मिलती थी। इस नए नियम के बाद अब सिर्फ उन्हीं कोचों में वही यात्री सफर कर सकेंगे जिनकी टिकट कन्फर्म होगी।

इसके अलावा, ऑनलाइन टिकटिंग को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए OTP सिस्टम और आधार वेरीफिकेशन जैसी प्रक्रिया शुरू की गई है। इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा और असली यात्री को टिकट आसानी से मिल पाएगा।

ध्यान रखने लायक बातें

अगर आपकी टिकट वेटिंग में ही रह गई है, तो उसे कैंसिल करा दें या जनरल बोगी में ही सफर करें। वेटिंग टिकट के साथ Sleeper या AC कोच में यात्रा न करें, वरना जुर्माना और यात्रा का रद्द होना निश्चित है। यात्रा से पहले अपने टिकट का स्टेटस जरूर चेक करें और अगर चार्ट बनने के बाद भी टिकट कन्फर्म नहीं हुई हो तो ट्रेन में न चढ़ें।

मालूम रहे कि रेलवे की यह गाइडलाइन सभी ट्रेनों और सभी जोनों में लागू है। इस बार टिकट रिजर्वेशन और Tatkal स्कीम में भी पारदर्शिता लाई गई है। नए नियमों में आम यात्री का फायदा ही सोचा गया है, ताकि आने-जाने में कोई दिक्कत न हो।

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