Outsourcing Employees Good News: 2 बड़े फैसले – अब 30 तारीख से पहले मिलेगा पक्का वेतन

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Outsourcing Employees
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उत्तर प्रदेश में लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए हाल ही में एक बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना, छुट्टियों और सामाजिक सुरक्षा की सुविधाओं में देरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इन कर्मचारियों को एजेंसियों के माध्यम से रखा जाता था, जिससे बिचौलियों की भूमिका बढ़ जाती थी और वेतन, ईपीएफ, ईएसआई जैसी सुविधाएं समय पर नहीं मिल पाती थीं।

सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि एजेंसियां कर्मचारियों का शोषण करती हैं, वेतन में कटौती करती हैं और जरूरी फंड समय पर नहीं जमा करतीं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नई व्यवस्था लागू करने का ऐलान किया है, जिसमें एक विशेष आउटसोर्सिंग सेवा निगम का गठन किया जाएगा। इससे कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलेगा और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी।

What is Outsourcing Employees Update?

उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए “यूपी आउटसोर्स सेवा निगम” के गठन का प्रस्ताव तैयार किया है। इस निगम के बन जाने के बाद भर्ती से लेकर वेतन देने तक की पूरी जिम्मेदारी निगम के पास होगी। अब एजेंसियों को बाहर कर दिया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को शोषण से राहत मिलेगी और सरकार को भी खर्च में लगभग 22.5% की बचत होगी, क्योंकि अब एजेंसी कमीशन और जीएसटी नहीं देना पड़ेगा।

निगम के जरिए सभी विभागों को जरूरत के हिसाब से आउटसोर्स कर्मचारी उपलब्ध करवाए जाएंगे। कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके बैंक खाते में जाएगा। इससे वे स्वतः बीमित भी माने जाएंगे। दुर्घटना या विकलांगता की स्थिति में बैंक या निगम की ओर से 30 लाख रुपये तक का भुगतान कर्मचारी या उसके परिवार को मिलेगा।

निगम कंपनी एक्ट के तहत गैर-लाभकारी संस्था के रूप में बनेगा। इसका उद्देश्य केवल कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना और उनकी सेवा शर्तों को पारदर्शी बनाना है। सभी कर्मचारियों का रिकॉर्ड डिजिटलीकरण किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी।

कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ

  • समय पर वेतन: हर महीने की पहली तारीख को वेतन सीधे खाते में आएगा।
  • ईपीएफ और ईएसआई: कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई खातों में समय पर पैसा जमा होगा, जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा का पूरा लाभ मिलेगा।
  • छुट्टियां और बीमा: कर्मचारियों को कैजुअल लीव, मेडिकल लीव, बीमा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
  • महिलाओं को लाभ: महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश भी मिलेगा।
  • दुर्घटना बीमा: दुर्घटना या विकलांगता की स्थिति में 2.5 लाख से 30 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा।
  • पेंशन सुविधा: सेवा अवधि के हिसाब से 1000 से 7500 रुपये तक की मासिक पेंशन, विधवा या माता-पिता को भी पेंशन का प्रावधान।
  • आरक्षण और पारदर्शिता: एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग और महिलाओं को आरक्षण का लाभ मिलेगा।

वेतन और योग्यता

निगम के ड्राफ्ट के अनुसार, अलग-अलग श्रेणी के पदों के लिए 16,000 से 25,000 रुपये तक वेतन का प्रावधान है। प्रोजेक्ट अफसर, सीनियर असिस्टेंट, जूनियर असिस्टेंट, चतुर्थ श्रेणी आदि पदों पर शैक्षणिक योग्यता और कार्य के आधार पर वेतन तय होगा।

आवेदन और प्रक्रिया

आउटसोर्स कर्मचारी निगम के पोर्टल पर खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। विभागों की जरूरत के अनुसार भर्ती की जाएगी और कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र निगम के माध्यम से मिलेगा। वेतन, ईपीएफ, ईएसआई आदि का भुगतान भी निगम की ओर से किया जाएगा।

सरकार की मंशा और निगरानी

सरकार ने यह व्यवस्था इसलिए लागू की है ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण बंद हो और उन्हें उनके अधिकार समय पर मिलें। निगम के बनने से कर्मचारियों की शिकायतों का समाधान जल्दी होगा और उनकी सेवा शर्तें पारदर्शी रहेंगी। निगरानी के लिए एक मजबूत तंत्र बनाया जाएगा, जिससे कोई भी एजेंसी या अधिकारी कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी न कर सके।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। अब उन्हें समय पर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और अन्य सुविधाएं मिलेंगी। निगम के गठन से कर्मचारियों का शोषण रुकेगा और उनकी सेवा शर्तें बेहतर होंगी। यह बदलाव लाखों परिवारों के लिए खुशहाली लेकर आएगा।

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