सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण समय माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें भोलेनाथ, महादेव या शिवशंकर के नाम से जाना जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस माह में व्रत, पूजा और विशेष अनुष्ठान करते हैं। सावन के दौरान मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है और हर कोई शिवजी की कृपा पाने के लिए भक्ति भाव से पूजा करता है।
सावन के महीने में शिवजी की पूजा करने का अलग ही महत्व है। मान्यता है कि इस पावन माह में भोलेनाथ की आराधना करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं और सुख-शांति, समृद्धि का आगमन होता है। खासकर सावन के सोमवार का व्रत रखने का बड़ा महत्व है, जिसमें भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र आदि अर्पित करते हैं। इस दौरान शिवजी की कथा, मंत्र जाप और रुद्राभिषेक भी किए जाते हैं।
Sawan 2025 Start Date
इस वर्ष 2025 में सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगा। सावन की शुरुआत शुक्रवार, 11 जुलाई से होगी और समापन 9 अगस्त को पूर्णिमा के दिन होगा। इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ेंगे, जिनकी तिथियां इस प्रकार हैं:
- पहला सोमवार व्रत: 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार व्रत: 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार व्रत: 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार व्रत: 4 अगस्त 2025
सावन का महत्व और धार्मिक मान्यता
सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे प्रिय समय है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान शिवजी की पूजा करने से मनचाहा फल मिलता है। सनातन परंपरा के अनुसार, देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि का संचालन शिवजी करते हैं। इसलिए इस माह को शिव आराधना के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और दांपत्य जीवन सुखमय बनता है। साथ ही, जीवन में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस माह में शिवजी का रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप विशेष फलदायी माने जाते हैं।
सावन 2025 का संक्षिप्त विवरण (Sawan 2025 Overview Table)
विशेषता | विवरण |
---|---|
सावन की शुरुआत | 11 जुलाई 2025, शुक्रवार |
सावन का समापन | 9 अगस्त 2025, शनिवार (पूर्णिमा) |
कुल सोमवार | 4 |
पहला सोमवार | 14 जुलाई 2025 |
दूसरा सोमवार | 21 जुलाई 2025 |
तीसरा सोमवार | 28 जुलाई 2025 |
चौथा सोमवार | 4 अगस्त 2025 |
प्रमुख पूजा विधि | शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पण |
व्रत का महत्व | मनोकामना पूर्ति, सुख-शांति, समृद्धि |
निषेध | मांस, मदिरा, प्याज-लहसुन, तामसिक भोजन |
सावन के सोमवार व्रत के नियम (Sawan Somwar Vrat Rules)
सावन के सोमवार व्रत में कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है, जिससे शिवजी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि अर्पित करें।
- पूरे दिन उपवास रखें, शाम को ही फलाहार या व्रत का भोजन करें।
- इस दौरान मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन, तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- शिवजी के मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमः शिवाय” या महामृत्युंजय मंत्र।
- जरूरतमंदों को दान दें, खासकर दूध, दही, फल आदि का दान शुभ माना जाता है।
सावन में क्या करें और क्या न करें (Dos and Don’ts in Sawan)
क्या करें:
- भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र अर्पित करें।
- सोमवार का व्रत रखें और शिव मंत्रों का जाप करें।
- जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, फल आदि का दान करें।
- संयम और सात्विकता का पालन करें।
क्या न करें:
- मांस-मदिरा, प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
- तामसिक भोजन, झूठ, छल-कपट से बचें।
- दूसरों को अपशब्द या बुरा न कहें।
- पूजा के समय अशुद्ध वस्त्र या गंदगी का प्रयोग न करें।
सावन में प्रमुख त्योहार और अनुष्ठान
सावन के महीने में कई प्रमुख त्योहार और अनुष्ठान भी आते हैं, जैसे कि नाग पंचमी, हरियाली तीज, रक्षा बंधन आदि। इन सभी पर्वों का अपना अलग महत्व है, लेकिन मुख्य रूप से यह महीना शिवजी की भक्ति और पूजा के लिए जाना जाता है। कई जगहों पर कांवड़ यात्रा का भी आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालु गंगा जल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।
सावन में रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप
सावन के महीने में शिवजी का रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, घी, दही, गंगाजल आदि से अभिषेक किया जाता है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और स्वास्थ्य, समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सावन के महीने के लाभ
- जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
- विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
- स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
सावन 2025 के खास बिंदु (Key Highlights of Sawan 2025)
- सावन 2025 की शुरुआत 11 जुलाई से और समापन 9 अगस्त को होगा।
- इस बार सावन में चार सोमवार पड़ेंगे।
- हर सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक और व्रत का विशेष महत्व है।
- पूरे माह में सात्विकता, संयम और भक्ति का पालन करना चाहिए।
- सावन में दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है।
Disclaimer: सावन का महीना और उससे जुड़े व्रत, नियम व धार्मिक मान्यताएं पूरी तरह सनातन परंपरा और श्रद्धा पर आधारित हैं। यह कोई सरकारी योजना या लाभ योजना नहीं है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का विषय है। इसका उद्देश्य केवल धार्मिक जानकारी देना है, न कि किसी प्रकार का लाभ या गारंटी प्रदान करना। सावन के व्रत और पूजा विधि को अपनाने से मिलने वाले फल व्यक्ति की आस्था और श्रद्धा पर निर्भर करते हैं।